जैविक सर्टिफिकेशन कितने समय में मिलता है?How long does it take to get organic certification?

 जैविक सर्टिफिकेशन कितने समय में मिलता है?

 जैविक खेती के लिए सर्टिफिकेशन जरूरी है, लेकिन यह प्रक्रिया कितने समय में पूरी होती है? जानिए NPOP, PGS और अन्य सिस्टम्स के तहत सर्टिफिकेट पाने की समयसीमा, प्रक्रिया और ज़रूरी बातें।

organic certification


🔰भूमिका

आज के समय में जब लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो चुके हैं, जैविक उत्पादों की मांग तेज़ी से बढ़ रही है। लेकिन अगर आप किसान हैं या जैविक खेती की शुरुआत कर रहे हैं और चाहते हैं कि आपके उत्पाद ‘Organic Certified’ हों, तो आपको एक जरूरी प्रक्रिया से गुजरना होगा!!

 जैविक सर्टिफिकेशन। पर सवाल यह उठता है कि जैविक सर्टिफिकेशन मिलने में कितना समय लगता है?


इस लेख में हम जानेंगे कि जैविक सर्टिफिकेशन कैसे मिलता है, इसमें कितना समय लगता है, कौन से संगठन सर्टिफिकेशन देते हैं और इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।


🔍 जैविक सर्टिफिकेशन क्या है?

जैविक सर्टिफिकेशन एक प्रमाण-पत्र होता है जो यह पुष्टि करता है कि आपके द्वारा उगाई गई फसल या उत्पाद सभी जैविक मानकों और नियमों का पालन करके तैयार किए गए हैं। यह प्रमाणपत्र किसानों को बाज़ार में अधिक कीमत दिलवाने और उपभोक्ताओं का भरोसा जीतने में मदद करता है।


🏛️ प्रमुख सर्टिफिकेशन सिस्टम

भारत में मुख्यतः दो प्रमुख जैविक सर्टिफिकेशन सिस्टम मौजूद हैं:


  1. NPOP (National Programme for Organic Production)
  2. PGS-India (Participatory Guarantee System)


📌 NPOP (राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम)

यह भारत सरकार के APEDA (Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority) के तहत आता है।


इस सर्टिफिकेशन को अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है।

मुख्य रूप से निर्यात के लिए उपयोग होता है।


📌 PGS-India


  1. यह छोटे किसानों के लिए आसान और सस्ता विकल्प है।
  2. यह पूरी तरह से पारदर्शी और भागीदारी आधारित प्रक्रिया है।


घरेलू बाजार के लिए उपयुक्त है।


🕒 जैविक सर्टिफिकेशन मिलने में कितना समय लगता है?

📍1. Conversion Period (परिवर्तन काल)

सबसे पहले, अगर आप पारंपरिक (chemical-based) खेती से जैविक खेती की ओर बढ़ रहे हैं, तो आपको conversion period से गुजरना पड़ेगा। यह अवधि सर्टिफिकेशन मिलने से पहले की होती है।


Conversion Period: लगभग 2 से 3 साल तक का होता है।


  1. इस दौरान किसान को जैविक खेती के सभी नियमों का पालन करना होता है।
  2. आपकी जमीन को केमिकल्स से मुक्त होने में समय लगता है।


📍2. PGS-India में समय

यदि आप PGS-India के तहत सर्टिफिकेशन ले रहे हैं, तो सामान्यतः 6 महीने से 1 साल में सर्टिफिकेट मिल सकता है।


इसमें किसान समूहों के माध्यम से रिपोर्टिंग और निरीक्षण होता है।


📍3. NPOP में समय

NPOP प्रणाली में सर्टिफिकेशन मिलने में 18 महीने से 36 महीने तक का समय लग सकता है।

इसमें नियमित निरीक्षण, रिपोर्टिंग और soil testing की प्रक्रिया शामिल होती है।


🧾 सर्टिफिकेशन के लिए जरूरी दस्तावेज़

  • ज़मीन के कागज़ (खसरा/खतौनी)
  • Aadhar card / ID proof
  • भूमि पर खेती की जानकारी (फसल, विधि, समय)
  • पिछली खेती का रिकॉर्ड
  • किसान समूह में सदस्यता (PGS के लिए)


Application form (संबंधित संस्था से)


🔄 पूरी प्रक्रिया (Step-by-step Guide)

PGS-India के लिए:

  • नजदीकी कृषि विभाग से संपर्क करें
  • Farmer Group बनाएं या किसी मौजूद group से जुड़ें
  • जैविक खेती के नियमों की जानकारी लें
  • खेती की शुरुआत करें और पूरी रिपोर्ट बनाएं
  • निरीक्षण समिति आएगी और समीक्षा करेगी
  • सभी मानदंडों पर खरा उतरने पर सर्टिफिकेट मिलेगा


NPOP के लिए:

मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेशन एजेंसी से संपर्क करें (जैसे: Ecocert, OneCert, आदि)


  • Form भरें और शुल्क जमा करें
  • Conversion Period शुरू होता है
  • एजेंसी नियमित निरीक्षण करती है
  • Soil test, crop pattern का रिकॉर्ड रखना जरूरी होता है
  • Successful audit के बाद सर्टिफिकेट मिलता है


💰 लागत कितनी आती है?

सिस्टम लागत (अनुमानित)

PGS ₹0 – ₹3,000 (सरकारी योजना के तहत मुफ़्त भी हो सकता है)

NPOP ₹25,000 – ₹40,000 (सालाना)


जैविक सर्टिफिकेशन मिलने के फायदे

  1. बाजार में ज्यादा दाम मिलते हैं
  2. उत्पादों पर "Organic" का लेबल लगाया जा सकता है
  3. निर्यात के अवसर बढ़ते हैं
  4. उपभोक्ताओं का भरोसा जीतना आसान होता है
  5. सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ


⚠️ किन बातों का रखें ध्यान?

  • पूरे conversion period के दौरान रसायनों से दूर रहें
  • फसल का पूरा रिकॉर्ड बनाए रखें
  • समय-समय पर soil testing करवाते रहें
  • अपने कृषि कार्यों की फोटो और रिपोर्टिंग करें


🙋‍♂️ FAQs: जैविक सर्टिफिकेशन से जुड़े सवाल

Q1. क्या मैं एक ही साल में सर्टिफिकेशन पा सकता हूं?

अगर आप पहले से ही जैविक खेती कर रहे हैं और जमीन chemical-free है, तो PGS में 6 महीने से 1 साल में सर्टिफिकेट मिल सकता है।


Q2. क्या सर्टिफिकेशन हर साल रिन्यू करना होता है?

हाँ, NPOP सर्टिफिकेट को हर साल रिन्यू कराना जरूरी होता है। PGS में भी समय-समय पर निरीक्षण और अपडेट ज़रूरी होता है।


Q3. क्या मेरी पूरी जमीन को सर्टिफाई करना जरूरी है?

नहीं, आप चाहें तो एक छोटे हिस्से की खेती को ही जैविक सर्टिफिकेशन के लिए भेज सकते हैं।


Q4. जैविक सर्टिफिकेशन के बिना क्या उत्पाद बेच सकते हैं?

यदि आप सिर्फ स्थानीय स्तर पर बेचते हैं, तो हो सकता है सर्टिफिकेट की जरूरत न पड़े। लेकिन ब्रांडिंग, पैकिंग और ऑनलाइन मार्केटिंग के लिए सर्टिफिकेट अनिवार्य है।


📝 निष्कर्ष

जैविक सर्टिफिकेशन कोई एक दिन की प्रक्रिया नहीं है। यह एक प्रतिबद्धता है, जो किसान की मेहनत, अनुशासन और प्राकृतिक खेती के प्रति समर्पण को दर्शाती है। अगर आप पूरी ईमानदारी और सही जानकारी के साथ आगे बढ़ें, तो PGS और NPOP दोनों सर्टिफिकेशन आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं। समय तो लगेगा, लेकिन इसका परिणाम लंबे समय तक टिकाऊ और लाभकारी होगा।

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