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10 common mistakes related to organic farming and their solutions Step By Step Guide In Hindi 2025.

 10 common mistakes related to organic farming and their solutions Step By Step Guide In Hindi 2025.

नई शुरुआत करने वाले किसान अक्सर जैविक खेती में कुछ सामान्य गलतियां करते हैं। इस लेख में जानिए 10 common mistakes related to organic farming and their solutions Step By Step Guide In Hindi 2025. और उनसे कैसे बचा जा सकता है।

10 common mistakes related to organic farming and their solutions Step By Step Guide In Hindi 2025.


भूमिका:

जैविक खेती (Organic Farming) आज के समय में काफ़ी महत्वपूर्ण है क्युकी अब जबकि लोगो को रासायनिक खेती से होने वाले दुष्प्रभावो के विषय में पता लगना शुरू हुआ है जिसके परिणाम स्वरूप भारी संख्या में लोग जैविक खेती की और बढ़ रहे है!!

हालांकि, इसकी सफलता के लिए सिर्फ जैविक खाद डालना ही काफी नहीं है। कई नए किसान बिना सही जानकारी के शुरुआत कर देते हैं, जिससे उन्हें नुकसान होता है।


इस लेख में हम आपको बताएंगे जैविक खेती से जुड़ी 10 आम गलतियां और उनका समाधान, ताकि आप सफलता के साथ एक स्थायी कृषि पद्धति अपना सकें।

Organic Farming से जुड़ी 10 आम गलतियां और उनका समाधान

🌾 गलती 1: पूरी जानकारी के बिना जैविक खेती शुरू करना

❌ समस्या:

कई किसान बिना रिसर्च या प्रशिक्षण के सीधे जैविक खेती शुरू कर देते हैं।


✅ समाधान:

ध्यान दे की खेती शुरू करने से पहले NCOF, ICAR, कृषि विश्वविद्यालयों या PGS इंडिया से ट्रेनिंग लेना बहुत ज़रूरी है !!


YouTube, कृषि से जुड़ी वेबसाइट्स और अनुभवी किसानों से जानकारी लें।


🌾 गलती 2: रासायनिक खाद का एकदम से त्याग कर देना

❌ समस्या:

कुछ किसान पहले दिन से ही रासायनिक खाद बंद कर देते हैं, जिससे फसल की उपज में गिरावट आती है।


✅ समाधान:

धीरे-धीरे ट्रांजिशन करें।


पहले साल 50% जैविक और 50% रासायनिक खाद का मिश्रण करें।


धीरे-धीरे 100% जैविक खाद पर शिफ्ट करें।


🌾 गलती 3: मिट्टी की जांच न कराना

❌ समस्या:

मिट्टी की सेहत जाने बिना फसल लगाना नुकसानदायक हो सकता है।


✅ समाधान:

खेती शुरू करने से पहले मिट्टी परीक्षण की जांच बेहद जरूरी हो जाता है, अवश्य कराएं।


pH लेवल, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश की मात्रा के अनुसार खाद डालें।


🌾 गलती 4: जैविक खाद/उर्वरक का गलत इस्तेमाल

❌ समस्या:

कई बार किसान जीवामृत, गोबर खाद, वर्मी कम्पोस्ट आदि को गलत मात्रा या समय पर प्रयोग करते हैं।


✅ समाधान:

खाद बनाते समय निर्देशों का पालन करें।


बायो-फर्टिलाइजर या जैविक कीटनाशक का उपयोग सही समय और मात्रा में करें।


🌾 गलती 5: जल संरक्षण की तकनीक न अपनाना

❌ समस्या:

अधिक पानी की बर्बादी या जल निकासी की खराब व्यवस्था।


✅ समाधान:

रेनवाटर हार्वेस्टिंग, ड्रिप इरिगेशन, मल्चिंग आदि अपनाएं।


पानी की हर बूँद का संरक्षण करें।


🌾 गलती 6: बाजार की जानकारी के बिना उत्पादन

❌ समस्या:

फसल उगाने के बाद किसान को बाजार नहीं मिल पाता।


✅ समाधान:

फसल लगाने से पहले देखें कि उसकी डिमांड और मार्केट क्या है।


लोकल मंडी, Farmer Producer Organizations (FPO), या ऑनलाइन मार्केटप्लेस (Amazon, BigBasket, Organic India) से जुड़ें।


🌾 गलती 7: प्रमाणन प्रक्रिया को नजरअंदाज करना

❌ समस्या:

बिना ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन के प्रोडक्ट्स को जैविक बताना गैरकानूनी भी हो सकता है।


✅ समाधान:

इसके लिए आप govt. approved , PGS India जैसे प्रमाणन एजेंसियों से जैविक सर्टिफिकेट प्राप्त करें।


इससे आपका प्रोडक्ट अधिक मूल्य पर बिकेगा।


🌾 गलती 8: कीट नियंत्रण के लिए केवल घरेलू उपाय अपनाना

❌ समस्या:

घरेलू उपाय सभी कीटों पर असरदार नहीं होते, जिससे फसल खराब हो जाती है।


✅ समाधान:

जैविक कीटनाशकों जैसे नीम तेल, दशपर्णी अर्क, ब्रह्मास्त्र आदि का उचित प्रयोग करें।


फसल चक्र और मिश्रित खेती से कीटों को नियंत्रित करें।

Where to sell your organic product?/Amazon, BigBasket, Organic India 

🌾 गलती 9: एक ही फसल बार-बार उगाना (Mono Cropping)

❌ समस्या:

मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी और कीटों का खतरा बढ़ता है।


✅ समाधान:

फसल चक्र (Crop Rotation) और मिश्रित खेती अपनाएं।


एक साल में दलहनी, तिलहनी और सब्जी जैसी विविध फसलें लगाएं।


🌾 गलती 10: तकनीक और रिसर्च से दूरी

❌ समस्या:

परंपरागत सोच के कारण किसान नई टेक्नोलॉजी या रिसर्च को नहीं अपनाते।


✅ समाधान:

Mobile App, YouTube, कृषि हेल्पलाइन और Government Schemes की मदद लें।


वैज्ञानिक तरीके से खेती करें और नया सीखने के लिए हमेशा तैयार रहें।


✨ Bonus Tips:

नेटवर्किंग: आस-पास के जैविक किसानों से जुड़ें और अनुभव साझा करें।


मल्चिंग: नमी बनाए रखने और खरपतवार को रोकने के लिए जरूरी है।


कस्टमर डायरेक्ट सेलिंग: अपने उत्पाद सीधे उपभोक्ता तक पहुँचाएं जैसे कि Farmer Markets या WhatsApp ग्रुप्स के ज़रिए।


निष्कर्ष:

जैविक खेती कोई एक दिन की प्रक्रिया नहीं है। यह निरंतर सीखने, अनुभव से सुधार करने और धैर्य रखने की प्रक्रिया है। ऊपर बताए गए गलतियों से बचकर, किसान न केवल लाभ कमा सकते हैं, बल्कि पर्यावरण, उपभोक्ताओं और खुद की सेहत के लिए भी कुछ अच्छा कर सकते हैं।


📌 FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. क्या जैविक खेती में रासायनिक खाद का बिल्कुल उपयोग नहीं होता?

हाँ, पूरी तरह जैविक खेती में रासायनिक खाद व कीटनाशक पूरी तरह वर्जित होते हैं।


Q2. क्या जैविक खेती की उपज सामान्य खेती से कम होती है?

शुरुआती कुछ वर्षों में उपज थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन समय के साथ मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और उपज सामान्य हो जाती है।


Q3. जैविक सर्टिफिकेशन कितने समय में मिलता है?

आमतौर पर PGS India सर्टिफिकेशन 1 साल में मिल जाता है जबकि NPOP को 2–3 साल लग सकते हैं।


Q4. जैविक उत्पाद कहां बेच सकते हैं?

Amazon, BigBasket, Organic India, लोकल ऑर्गेनिक मंडी, WhatsApp ग्रुप्स, और Farmer Markets में।

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